फरीदाबाद की आवाज़ : फरीदाबाद। नगर के आवासीय क्षेत्रों में पीएनजी की आपूर्ति करने वाली अडानी कंपनी की एक लाइन में आग लाग लगने से बड़ा हादसा हो गया। सेक्टर 23ए में हुए इस अग्निकांड में जानी नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि कई वाहन जलकर खाक हो गए हैं। पुलिस ने कुछ अडानी कर्मियों को हिरासत में लिया है।
सूत्रों के अनुसार सेक्टर 23ए में अडानी घरों में पीएनजी की आपूर्ति करती है।
शाम के समय मकान नंबर 1635 के सामने लाइन के एक ज्वाइंट में आग लग गई।
धमाके साथ लगी आग ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई।
लोगों ने समझदारी से काम लेते हुए स्वयं ही आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए।
वहां उपलब्ध पानी के एक टैंकर से आग बुझाने के प्रयास शुरू किए।
टैंकर में एक मोटर लगी हुई, जिससे पानी चाप के साथ निकलता है।
पानी की तीव्र बौछारों ने आग पर नियंत्रण पा लिया।
सूचना पाकर दमकल गाड़ियां भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आग पर नियंत्रण पाया जा चुका था।
क्षेत्रीय पुलिस कर्मचारी भी अग्निकांड स्थल पर पहुंचे, उन्होंने अडानी के कुछ कर्मचारियों को हिरासत में लिया है, ताकि उनसे अग्निकांड के कारणों का पता लगाया जा सके।
इस अग्निकांड में एक बाइक, एक स्कूटी, दो साईकिलें जल गई हैं।
पूर्व महापौर ब्रह्मवती खटाना के पति धर्मवीर खटाना ने बताया कि हादसे के कारण लोगों में घबराहट है। अडानी कंपनी को सभी सुरक्षा उपाय करने चाहिए, ताकि ऐसे हादसे न हों।
पहले भी हुई गैस रिसाव की घटनाएं
- 20 अक्टूबर 2016: सेक्टर-31 क्षेत्र में हैवेल्स कंपनी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे से जमीन से गुजर रही पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की पाइप लाइन लीक होने से अफरा-तफरी मच गई थी।
- 28 फरवरी 2017: ओल्ड फरीदाबाद के सेक्टर-19 में पीएनजी लीक हो गई थी। इससे आग लग गई थी। उसे काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
- 15 नवंबर 2015: सेक्टर-11 क्षेत्र में मोटरसाइकिल के पार्ट्स बनाने वाली एक फैक्ट्री में जहरीली गैस का रिसाव हो गया था। उसकी चपेट में आने से तीन मजदूरों की मौत हो गई थी जबकि चार की हालत गंभीर हो गई थी।
- 7 जुलाई 2011: एनएचपीसी चौक के पास कार्बन डाइऑक्साइड गैस के सिलेंडर ट्रक में लादकर ले जाए जा रहे थे। सिलेंडरों में से गैस लीक होनी शुरू हो गई। काफी मशक्कत के बाद उस पर काबू पाया जा सका था।
- 29 जनवरी 2011: दिल्ली से सटे फरीदाबाद के हीरागांव के पास एक केमिकल फैक्टरी से जहरीली गैस का रिसाव हो गया था। इससे गांव के करीब 200 लोगों को सांस लेने में परेशानी, उल्टी व आंखों में जलन की दिक्कत हो गई। गैस रिवास के कारण पूरा गांव खाली हो गया था। प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से रिसाव पर काबू पाया।