फरीदाबाद की आवाज़ : फरीदाबाद, 23 जून: मानव रचना शैक्षणिक संस्थान की ओर से COVID-19 के बीच युवाओं के लिए अवसर और चुनौतियों पर चर्चा के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया. इस वेबिनार 600 से ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में दीपक बागला ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया. वह इन्वेस्ट इंडिया के एमडी एवं सीईओ (नेशनल इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन एजेंसी), डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड, मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारत सरकार हैं.
दीपक बागला ने संबोधन के दौरान कहा, आज लॉकडाउन को 92 दिन हो चुके हैं. उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि 30 मार्च तक देश में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी, लेकिन समय की मांग को देखते हुए आज देश में प्रतिदिन 4.5 लाख पीपीई बन रही हैं. उन्होंने बताया, कि अब हम इसे अन्य देशों को निर्यात करने की तैयारी भी कर रहे हैं. हमारे पास 50,000 से अधिक वेंटिलेटर हैं. हम COVID 19 से पहले सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था थे और हमें महामारी से बाहर निकलने के लिए अभी भी वैसा ही होने की जरूरत है.
मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने दीपक बागला का धन्यवाद किया. उन्होंने बताया, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान में आज कई स्टार्ट-अप चल रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भी छात्रों द्वारा ऐसे कई स्टार्ट-अप लाए जाएंगे जिनसे देश को लाभ होगा.
छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी ने पूरी व्यावसायिक श्रृंखला में मूल्य प्रस्ताव को बदल दिया है। व्यवसायों के सभी बिचौलिये बाधित हो रहे हैं जिससे भविष्य में नौकरी में कमी आई है। अब ऐसे व्यवसाय नहीं हैं जो उन कर्मचारियों की तलाश में होंगे जिनके पास उत्तर हैं। ज्ञान अब प्रीमियम पर नहीं है। व्यवसाय ऐसे लोगों की तलाश में हैं जो सही प्रश्न पूछना जानते हैं। यह समय की सबसे कम अवधि के भीतर उस उत्तर को प्राप्त करने की आपकी क्षमता है। ”
उन्होंने छात्रों को स्वयं को उन्नत करने के लिए उपलब्ध जानकारी के माध्यम से प्रोत्साहित किया क्योंकि यह जानकारी उन्हें सही प्रश्न रखने के लिए सशक्त बनाती है। उन्होंने कहा, सूचना 360 डिग्री की होगी। आपके पास कई डोमेन के लिए जितना अधिक एक्सपोजर होगा, आप उतना ही बेहतर समझ पाएंगे।
कार्यक्रम में डॉ. अमित भल्ला (उपाध्यक्ष, एमआरईआई), डॉ. संजय श्रीवास्तव (कुलपति, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज), डॉ. आई.के. भट (कुलपति, मानव रचना विश्वविद्यालय) और अन्य दिग्गज शामिल हुए।