फरीदाबाद की आवाज़ : फरीदाबाद 16 मई हरियाणा-दिल्ली सीमा पर प्रवेश को लेकर उठे विवाद को लेकर हरियाणा सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि कोरोना महामारी के बीच आवश्यक सेवाओं में शामिल सरकारी और निजी डॉक्टरों, नर्सों, पुलिस और अदालतों के अधिकारियों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को दिल्ली और हरियाणा के बीच ई-पास के जरिये आवागमन की अनुमति दी जाएगी।
गैर जरूरी सामान ले जा रहे ट्रकों को भी मिली जाने की अनुमति
हरियाणा सरकार ने न्यायमूर्ति मनमोहन और संजीव नरूला की पीठ को यह भी आश्वासन दिया कि दिल्ली और हरियाणा के बीच आवश्यक और गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को भी जाने की अनुमति दी जाएगी। जनहित याचिका पर हरियाणा सरकार ने कहा कि ई-पास के लिए आवेदन करने पर 30 मिनट के अंदर ई-पास जारी कर दिया जाएगा।
जनहित याचिका पर सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनमोहन और संजीव नरूला की पीठ ने हरियाणा सरकार के बयान को रिकॉर्ड पर लेकर जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया। हरियाणा सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल अनिल ग्रोवर ने कहा कि दिल्ली-हरियाणा के बीच आने-जाने वाले इन लोगों को तब तक क्वारटांइन नहीं किया जाएगा, जब तक कि वे किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में नहीं आते या फिर खुद कोरोना पॉजिटिव नहीं होते।
गैर जरूरी लोगों को नहीं मिलेगी सीमा पार करने इजाजत एडिशनल एडवोकेट जनरल अनिल ग्रोवर ने यह भी कहा कि गैर जरूरी लोगों को सीमा पार नहीं करने दिया जाएगा। दिल्ली के कई निवासियों को आवश्यक काम के लिए सोनीपत जाने से रोकने के खिलाफ याचिकाकर्ता ओपी गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि हरियाणा सरकार द्वारा लोगों को रोका जा रहा है।