फरीदाबाद की आवाज़ : 17 जुुन । राजस्थान के अजमेर में पत्रकारों की बेतहाशा बढ़ी संख्या को नियंत्रित करने के मकसद से पुलिस प्रशासन ने असली व नकली पत्रकारों के बीच में एक वर्गीकरण किया है. यूट्यूब पर न्यूज चैनल चलाने वालों को अब यहां पत्रकारिता के लिए अधिकृत नहीं माना जाएगा. एक तरह से इन्हें नकली पत्रकार माना जाएगा.
अजमेर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने जिले के सभी पत्रकारों के वेरीफिकेशन का काम शुरू कर दिया है. एसपी का कहना है कि राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार और किसी रजिस्टर्ड समाचार पत्र व चैनल में पत्रकार के रूप में कार्य करने वाली ही अबसे सरकारी कार्यालयों व किसी घटनाक्रम का कवरेज कर सकेंगे.
उन्होंने बताया कि यूट्यूब चैनल बनाकर खुद को पत्रकार कहलाने वाले कई लोग इसकी आड़ में रौब झाड़ते हैं व मनमाने तरीके से न्यूज कवरेज करते हैं. यही लोग ब्लैकमेल भी करते हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
देखें पत्रकारों को नियंत्रित करने के संबंध में स्थानीय अखबारों में प्रकाशित खबरें-