फरीदाबाद की आवाज़ : नई दिल्ली 25 जून । पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध को लेकर कांग्रेस पार्टी के लगातार हमलावर रुख पर आज बीजेपी ने करारा जवाब दिया. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस से पूछा कि कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बीच 2008 में क्या समझौता हुआ था, राजीव गांधी फाउंडेशन में चीन की एंबेसी ने क्यों डोनेट किया? केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमारा सवाल कांग्रेस पार्टी से 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता किय. जिसमे राहुल गांधी ने हस्ताक्षर किया और सोनिया गांधी पीछे खड़ी थी, पार्टी टू पार्टी रिश्ता क्यों बना? कांग्रेस पार्टी ये बताए कि मनमोहन सिंह के सरकार के 10 साल में कितने ऐसे पार्टियो के साथ एमओयू साइन किए हैं. राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए डोनर की सूची है 2005-06 की है. इसमें चीन के एम्बेसी ने डोनेट किया ऐसा साफ है, ऐसा क्यों हुआ? क्या जरूरत पड़ी है, इसमें कई उद्योगपतियों,पीएसयू का भी नाम है. क्या ये काफी नहीं था कि चीन एम्बेसी से भी रिश्वत ली गई’
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘2009-11 की रिपोर्ट में बाकी गतिविधियों के साथ साथ भारत और चीन के बीच एफटीए उचित है,दोनों पक्ष के सहयोग में और संभव भी है. देशवासी इसे नोट करें, एक व्यापक एफटीए होना चाहिए जिसमें निवेश भी हो और सामानों और सेवाओं का आयात हो, लेकिन 33 गुना व्यापार घाटा बढ़ गया इनके काल में, चीन के एम्बेसी से रिश्वत लिया गया. कांग्रेस पार्टी जवाब दे कि चीन के साथ इतना प्यार क्यों हुआ.
एक और बड़ा सवाल जिसका कांग्रेस पार्टी जवाब दे, ‘1977 फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन एंड रिलेशन एक्ट-जिसके तहत कोई राजनीतिक दल, कोई संगठन बिना सरकार को जानकारी दिए विदेशी दान नहीं प्राप्त कर सकता. यह कानून भी इन्हीं के समय मे बना था. राजीव गांधी फाउंडेशन कांग्रेस का एक्सटेंशन ही था. क्या इन्होंने दान लेने से पहले सरकार से अनुमति ली थी. अगर यह मान भी लिया जाय कि यह शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संगठन है तब भी सरकार को यह बताना होता है कि आपने पैसा चीन एम्बेसी से ली है, आपने क्यों लिया, अगर लिया तो उसका क्या इस्तेमाल क्या?
एक और बड़ा सवाल जिसका कांग्रेस पार्टी जवाब दे, ‘1977 फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन एंड रिलेशन एक्ट-जिसके तहत कोई राजनीतिक दल, कोई संगठन बिना सरकार को जानकारी दिए विदेशी दान नहीं प्राप्त कर सकता. यह कानून भी इन्हीं के समय मे बना था. राजीव गांधी फाउंडेशन कांग्रेस का एक्सटेंशन ही था. क्या इन्होंने दान लेने से पहले सरकार से अनुमति ली थी. अगर यह मान भी लिया जाय कि यह शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संगठन है तब भी सरकार को यह बताना होता है कि आपने पैसा चीन एम्बेसी से ली है, आपने क्यों लिया, अगर लिया तो उसका क्या इस्तेमाल क्या?
बीजेपी नेता ने आगे कहा, ‘कांग्रेस पार्टी जवाब दे कि फाउंडेशन ने ना सिर्फ पैसे लिए बल्कि कानूनों का उल्लंघन किया है, भाजपा जानना चाहती है आखिर क्या पक रहा था. कानून में प्रावधान है कि अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करता है तो इसके लिए 5 साल तक की सजा हो सकती है. कांग्रेस पार्टी का काम है सेना को कमजोर करना, उरी हमला घटना और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे मामले का सबूत मांगना इनका काम है.’